भेरू तेरा मुझको पैगाम आ गया,
भक्तो की टोली ले नाकोड़ा आ गया,
दादा तेरी चोखट पे दिल खो गया,
सोचा ना कभी था वो आज हो गया,
भेरू तेरा मुझको पेगाम आ गया।।
तर्ज – छोटे छोटे भाइयो के।
आये है चलकर मेवा नगर,
तय करके हम लम्बा सफर,
झूम उठा सब भक्तो का मन,
सामने आया जब दादा नजर,
भक्ति में आज मैं मगन हो गया,
भक्तो की टोली ले नाकोड़ा आ गया,
दादा तेरी चोखट पे दिल खो गया,
सोचा ना कभी था वो आज हो गया,
भेरू तेरा मुझको पेगाम आ गया।।
दादा तू जाने दिल का हाल,
शरण मे आये तू ही संभाल,
करके कृपा अपने भक्तों पर,
करदो ना दादा हमको निहाल,
खुशियो का शमा ये करीब आ गया,
भक्तो की टोली ले नाकोड़ा आ गया,
दादा तेरी चोखट पे दिल खो गया,
सोचा ना कभी था वो आज हो गया,
भेरू तेरा मुझको पेगाम आ गया।।
करती है दुनिया जिनको नमन,
आये है हम उनकी शरण,
दादा तेरे चरणों मे,
अर्पण है ये तन मन धन,
“दिलबर” दिल मे आनंद छा गया,
भक्तो की टोली ले नाकोड़ा आ गया,
दादा तेरी चोखट पे दिल खो गया,
सोचा ना कभी था वो आज हो गया,
भेरू तेरा मुझको पेगाम आ गया।।
भेरू तेरा मुझको पैगाम आ गया,
भक्तो की टोली ले नाकोड़ा आ गया,
दादा तेरी चोखट पे दिल खो गया,
सोचा ना कभी था वो आज हो गया,
भेरू तेरा मुझको पेगाम आ गया।।
गायक – नमन धारीवाल इंदौर।
रचनाकार- दिलीप सिंह सिसोदिया “दिलबर”
नागदा जक्शन म.प्र. मो.9907023365