भय भंजना वन्दना सुन हमारी,
दरस तेरे माँगे ये तेरा पुजारी,
भय भंजना।।
गीतों के फूलों की माला बनाकर,
लाया हूँ दिल आरती में सजाकर,
ये साँसों की सरगम,
करूँ तेरे अर्पण,
तुझे और क्या दूँ मैं ठहरा भिखारी,
दरस तेरे माँगे ये तेरा पुजारी,
भय भंजना।।
आजा मधुर स्वप्न सी मुस्कुराती,
मन के बुझे दीप हंसकर जलाती,
जपे दिल की धड़कन तेरा नाम हरदम
उतर ज्योत किरणों की लेकर सवारी,
दरस तेरे माँगे ये तेरा पुजारी,
भय भंजना।।
गगन तलक मैं पलक पसारुं,
एक झलक दिखलाजा,
मुझ पे तरस कर एक पल हस,
ज्योति धार बरसा जा,
मेरी लाज तेरे हाथ वर दे।।
भय भंजना वन्दना सुन हमारी,
दरस तेरे माँगे ये तेरा पुजारी,
भय भंजना।।
स्वर – मन्ना डे।
प्रेषक – आशीष कुमरावत।
6260018043