भवानी मैया शारदा भजो रे,
शारदा भजो रे,
भर जेहे सकल भण्डार रे,
भवानी मैया हो।।
रुठ के बैठी शारदा भुवन में,
शारदा भुवन में,
लंबे लंबे बिखराये अपने केश रे,
रुठ के बैठी हो।।
रक्तवर्ण के फुलवा माँ मंगावे,
फुलवा मां मंगावे रे,
लंगुरवा पठावे हिंगलाज रे,
रक्तवर्ण के हो।।
जाओ जाओ बारे रे लंगुरवा,
बारे रे लंगुरवा लाओ फुलवा,
पंखुडिएं जिनमें पाँच रे,
के जाओ लंगुरवा हो।।
हिंगलाज में बैठी भवानी मैया,
बैठी भवानी मैया,
बिंदिया चमके चमक गुलज़ार रे,
अरे हिंगलाज में हो।।
भवानी मैया शारदा भजो रे,
शारदा भजो रे,
भर जेहे सकल भण्डार रे,
भवानी मैया हो।।
गायक / प्रेषक – उदय लकी सोनी।
9131843199
गीतकार – गोविंद सिंह बेनाम जी।