भवानी माँ दया कर दो,
तुम्हारे द्वार आये है,
शिवानी माँ विपति हर लो,
तुम्हारे द्वार आये है।।
ना है दौलत की कुछ आशा,
ना है शोहरत की अभिलाषा,
कृपा का हाथ सर रखदो,
तुम्हारे द्वार आये है।।
तुम्ही ने महिषासुर मारा,
तुम्ही ने ध्यानू को तारा,
हमें भक्ति का एक वर दो,
तुम्हारे द्वार आये है।।
‘पदम्’ इतना दिया माँ ने,
शरण में ले लिया माँ ने,
मेरी वाणी में रस भर दो,
तुम्हारे द्वार आये है।।
भवानी माँ दया कर दो,
तुम्हारे द्वार आये है,
शिवानी माँ विपति हर लो,
तुम्हारे द्वार आये है।।
गायक / प्रेषक – डालचंद कुशवाह पदम।
9993786852