भव भव तारे माने गुरूसा तपधारी संत शिरोमणी लिखमोजी

भव भव तारे माने गुरूसा तपधारी,
भव भव तारे माने गुरूसा तपधारी,
पग पग परचा दिरावे जी,
पार लगावे जी,
ओ संत शिरोमणी लिखमोजी।।



बली द्वारे जाय गोसाई,

पाँव हरी रो लाया जी,
बली द्वारे जाय गोसाई,
पाँव हरी रो लाया जी,
पूजा कर ताले मे धरे,
गोसाई जी सिदाया जी,
पूजा कर ताले मे धरे,
गोसाई जी सिदाया जी,
तालो खोल्यो दुजाने मे बिना चाबी,
हो देवा तालो खोल्यो दुजाने मे बिना चाबी,
संत शिरोमणी लिखमोजी,
भव भव तारें माने गुरूसा तपधारी।।



जैसलमेर को सूखो बाग,

आसन लगाय लिखमोजी,
जैसलमेर को सूखो बाग,
आसन लगाय लिखमोजी,
माला फेरे बाग मायने,
हरो भरो बनायो जी,
माला फेरे बाग मायने,
हरो भरो बनायो जी,
राजा खुश होया घणा ने वनमाली,
हो देवा राजा खुश होया वनमाली,
संत शिरोमणी लिखमोजी,
भव भव तारें माने गुरूसा तपधारी।।



बालक जीवाया गुरु लिखमोजी,

बाबे रा गुण गाय जी बालक,
जीवायो गुरू लिखमोजी,
बाबे रा गुण गाय जी,
भेद मिटायो छूआछूत रो,
मेघवंशी ने जीवाया जी,
भेद मिटायो छूआछूत रो,
मेघवंशी ने जीवाया जी,
थानेदार ने परचो दिरायो जी,
हो देवा थानेदार ने परचो दिरायो जी,
संत शिरोमणी लिखमोजी,
भव भव तारें माने गुरूसा तपधारी।।



पानत बाडी छोड अरट,

जागन माय जावता,
पानत बाडी छोड अरट,
जागन माय जावता,
लिखमोजी रो रूप करने,
हरी पानत ने आवता,
लिखमोजी रो रूप करने,
हरी पानत ने आवता,
देखता ही रहता बाडी हिरवाली,
हो देवा देखता ही रहता बाडी हिरवाली,
संत शिरोमणी लिखमोजी,
भव भव तारें माने गुरूसा तपधारी।।



लेय समाधी माली लिखमोजी,

अहमदाबाद प्रकटीया जी,
लेय समाधी माली लिखमोजी,
अहमदाबाद प्रकटीया जी,
मौलवी जी ने माला दिनी,
अमरपुरा मे लाया जी,
मौलवी जी ने माला दिनी,
अमरपुरा मे लाया जी,
माली छंवर कहे माला चमत्कारी,
हो देवा माली छंवर कहे माला चमत्कारी,
संत शिरोमणी लिखमोजी,
भव भव तारें माने गुरूसा तपधारी।।



भव भव तारे माने गुरूसा तपधारी,

भव भव तारे तारें गुरूसा तपधारी,
पग पग परचा दिरावे जी,
पार लगावे जी,
ओ संत शिरोमणी लिखमोजी।।

प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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