भारत की इस पुण्य धरा पर,
शुभ परिवर्तन लायेगें,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
अपना धर्म समाज है एक,
भाषा जाती पंथ अनेक,
अपना धर्म समाज है एक,
भाषा जाती पंथ अनेक,
कालजयी हिन्दूत्व सुधारस,
कालजयी हिन्दूत्व सुधारस,
रात दिवस छलकायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
अपना श्रम कौशल्य निखारे,
सुखमय सबका रूप सवारे,
अपना श्रम कौशल्य निखारे,
सुखमय सबका रूप सवारे,
न्याय सुनीती सेे परिपूर्ण,
विकास पथ अपनायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
अपना सोया गौरव जागे,
स्वार्थ भावना मन से त्यागे,
अपना सोया गौरव जागे,
स्वार्थ भावना मन से त्यागे,
सुगठीत होकर चले निरंतर,
सुगठीत होकर चले निरंतर,
दैवीय वैभव पायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
भारत की इस पुण्य धरा पर,
शुभ परिवर्तन लायेगें,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
सारे दोष हटायेंगे,
सारे भेद मिटायेंगे,
भारत की इस पुण्य धरां पर।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818