भक्ति कर ईश्वर कि भाई,
भक्ति करो तो भेद मत राखो,
भेला रमेला गघुराई,
भक्ति कर ईंश्वर कि भाई।।
भक्ति किनी मीरा बाई ने,
गढ़ चितौड़ के माय,
विश का प्याला राणो भेजिया,
जद अमरत हो जाई,
भक्ति कर ईंश्वर कि भाई।।
भक्ति किनी रूपा बाई ने,
गढ़ मेवा के माई,
हाथ खडक रावल माल दे कोपिया,
बाग लगायो थाली माई,
भक्ति कर ईंश्वर कि भाई।।
भक्ति किनी मोरध्वज राजा,
संत दुवारै आयै,
रतन कंवर को चीर गिराया,
जरा दिया नही आई,
भक्ति कर ईंश्वर कि भाई।।
लाधू पदम जी सतगुरु मिलया,
साची सेन बताई,
गुर्जर गरीब कनीराम,
गावै गोरखिया माई,
भक्ति कर ईंश्वर कि भाई।।
भक्ति कर ईश्वर कि भाई,
भक्ति करो तो भेद मत राखो,
भेला रमेला गघुराई,
भक्ति कर ईंश्वर कि भाई।।
गायक / प्रेषक – मनोहर परसोया।