भक्ति कर भगवत की भाई देसी भजन लिरिक्स

भक्ति कर भगवत की भाई,
भक्ति कर भव पार उतरले,
जीव परम पद पाई।।



भक्ति कीदी ध्रुव भगत ने,

जा कर वन रे मांही,
अटल राज प्रभुजी ने दीना,
कीदी सफल कमाई।।



भगत प्रहलाद रटे राम ने,

हिरणाकुश दुःख दाई,
नरसिंह रूप धार हरी आए,
नख से दियो मराई।।



सोने री गढ लंका ज्यारे,

सात समन्द सी खाई,
रावण सरीेके चले गए बंदे,
तेरी क्या ठहराई।।



भुगते जीव भजन बिन जग मे,

लख चोरासी मांही,
“सदानन्द” कहे सुणो भाई साधो,
अवसर बीतो जाई।।



भक्ति कर भगवत की भाई,

भक्ति कर भव पार उतरले,
जीव परम पद पाई।।

भजन गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 89479-15979


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

  1. भगति बिना भ्रम ने भागे ले सतगुरु का शरणम मनतू भगवत भगति करना

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