भक्ति है कालो नाग कोई नर पकड़ो मती लिरिक्स

भक्ति है कालो नाग,
कोई नर पकड़ो मती,
पकड़ो मती भाया पकड़ो मती,
पकड़ लेवो पछे छोड़ो मती।।



शब्द पियाला में वारा वासा,

चवदा लोक करता वारी आशा,
अरे पल पल भेद बताय,
रचना रच दी अशी,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर पकड़ो मती।।



अठरा करोड़ नाग पकडीया,

पांच करोड़ ऊझड पडिया,
पांचा ने खा गयो नाग,
पांच हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर पकड़ो मती।।



इक्कीस करोड़ नाग पकडीया,

सात करोड़ उझड पडिया,
साता ने खा गयो नाग,
सात हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर पकड़ो मती।।



सत्ताईस करोड़ नाग पकडीया,

नो करोड़ ऊझड पडिया,
नो ने खा गयो नाग,
नो हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर पकड़ो मती।।



छत्तीस करोड़ नाग पकडीया,

बारह करोड़ ऊझड पडिया,
बारह ने खा गयो नाग,
बारह हुआ एक मती,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर पकड़ो मती।।



पांच सात नो बारह मलीया,

शंकर नाथ गुरू शरणा पडिया,
मारे सतगुरु को आधार,
छोडु नहीं हरी भक्ति,
भक्ति है कालों नाग,
कोई नर पकड़ो मती।।



भक्ति है कालो नाग,

कोई नर पकड़ो मती,
पकड़ो मती भाया पकड़ो मती,
पकड़ लेवो पछे छोड़ो मती।।

गायक – जगदीश चन्द्र जटिया।
प्रेषक – श्री धर्मराज बावजी।
मोबाइल 9950647154


Previous articleदिल पे श्याम लिखा है भजन लिरिक्स
Next articleबिगड़ा नसीब किसने संवारा तेरे बगैर भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here