भजनों की इस फुलवारी के शिव श्याम बहादुर माली है

भजनों की इस फुलवारी के,
शिव श्याम बहादुर माली है,
भक्ति की खुशबू से महके,
हर पत्ता डाली डाली है,
भजनो की इस फुलवारी के।।

तर्ज – मैं पल दो पल का शायर हूँ।



भजनों के गुलदस्ते को शिव,

जब निज हाथों से सजाते थे,
शब्दो से खुशबू आती थी,
जब भाव सुमन वो चढ़ाते थे,
बाबा को शिव जी रिझाते थे,
भजनों को झूम के गाते थे,
महसूस किया है शब्दो में,
खुद श्याम उतर के आते थे,
भजनो की इस फुलवारी के।।



है कई कथायें उनकी और,

दिलदार श्याम की यारी की,
थी प्रीत श्याम से कुछ ऐसी,
जैसे मुरली और गिरधारी की,
वो दिल धड़कन गिरधारी था,
वो प्रेमी कृष्ण मुरारी का,
वो सेवक तो सरकारी था,
घनश्याम की ताबेदारी का,
भजनो की इस फुलवारी के।।



शिव श्याम बहादुर जैसा नहीं,

अब कोई फिर से आयेगा,
भक्तो की गाथा को ‘सूरज’,
ये सारा जग दोहरायेगा,
उनकी रचनाओं को गाकर,
भावों में सेवक बहते है,
वो फूल महकते थे कल भी,
वो फूल आज भी महकते है,
भजनो की इस फुलवारी के।।



भजनों की इस फुलवारी के,

शिव श्याम बहादुर माली है,
भक्ति की खुशबू से महके,
हर पत्ता डाली डाली है,
भजनो की इस फुलवारी के।।

Singer – Ravi Sharma ‘Sooraj’


Previous articleभोले बाबा कहाँ मिलेंगे बतलावेगा कौन मन्ने
Next articleलीले घोड़े ऊपर बाबा श्याम की सवारी
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here