भजना में जावा कोणी दे,
हाछी परणाई नुगरा,
माल ने ओ म्हारा राम,
हाछी परणाई रावल,
माल ने ओ म्हारा राम।।
किउ नही किणी वन री,
रोजड़ी ओ म्हारा राम,
चरती हरियो हरियो घास,
आवता साधुडा रा लेती,
वारना ओ म्हारा राम,
वेतो म्हारो जग में अमर नाम,
हाछी परणाई नुगरा,
माल ने ओ म्हारा राम।।
किउ नही किणी कुआँ,
बावड़ी हो म्हारा राम,
रहती मार्गा माय,
आवता साधुडा पानी,
पिवता ओ म्हारा राम,
वेतो म्हारो जग में अमर नाम,
हाछी परणाई नुगरा,
माल ने ओ म्हारा राम।।
किउ नही किणी पारस,
पिपली ओ म्हारा राम,
रहती वन रे माय
आवता साधुडा छाया,
बैठता म्हारा राम,
वेतो म्हारो जग में अमर नाम,
हाछी परणाई नुगरा,
माल ने ओ म्हारा राम।।
हाथ जोडेने रूपा,
बोलिया ओ म्हारा राम,
म्हारे साधुडा रो,
अमरापुर में वास,
वेतो म्हारो जग में अमर नाम,
हाछी परणाई नुगरा,
माल ने ओ म्हारा राम।।
भजना में जावा कोणी दे,
हाछी परणाई नुगरा,
माल ने ओ म्हारा राम,
हाछी परणाई रावल,
माल ने ओ म्हारा राम।।
गायक – प्रकाश माली जी।
भजन प्रेषक – श्रवण सिंह राजपुरोहित।
सम्पर्क – +91 90965 58244
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