भजना मे जावा कोनी दे,
सतसंग मे जावा को नी दे,
जम्बुला मे जावा को नी दे,
अछि रे परनाई रावल,
देस में हो म्हारा राज।।
क्यु नहीं कि नी पारस,
पीपली हो म्हारा राज,
रैति वन रे माए,
आवता साधुङा छाया,
बेठता हो म्हारा राज,
म्हारो अमर वेतो नाम,
अछि परनाई रावल,
देस में हो म्हारा राज।।
क्यु नहीं कि नि कुआँ,
बावड़ी हो म्हारा राज,
रेति मारग रे माए,
आवता साधुडा पानी,
पिवता हो म्हारा राज,
म्हारो अमर वेतो नाम,
अछि परनाई रावल,
देस में हो म्हारा राज।।
क्यु नहीं कि नी वनरी,
रोजङी हो म्हारा राज,
रेति वन रे माए,
आवता साधुङा लेती,
वारणा हो म्हारा राज,
म्हारो अमर वेतो नाम,
अछि परनाई रावल,
देस में हो म्हारा राज।।
हाथ जोड़ी ने रूपा बोलिया,
संसारो अमरापुर मे वास,
किरपा भक्ता पर संता राखीजो,
थारो जनम जनम गुण गाये,
अछि परनाई रावल,
देस में हो म्हारा राज।।
भजना मे जावा कोनी दे,
सतसंग मे जावा को नी दे,
जम्बुला मे जावा को नी दे,
अछि रे परनाई रावल,
देस में हो म्हारा राज।।