भजन की शुभ बेला नादान,
करो नित परमेश्वर का ध्यान,
यही हमारी सच्ची दौलत,
यही हमारी सच्ची दौलत,
बाकी स्वप्न समान,
भजन की शुभ बेला नादांन,
करो नित परमेश्वर का ध्यान।।
कोई नहीं है प्रभु के जैसा,
तेरा अपना भाई,
कृपा सिंधु कहलाते हैं वो,
तब तो श्री रघुराई,
जल में भी पत्थर तैराता,
अपना ये भगवान,
भजन की शुभ बेला नादांन,
करो नित परमेश्वर का ध्यान।।
कृष्ण कन्हाई राघव माधव,
राम श्याम घनश्याम,
पतित उदाहरण पतित पावन,
उसके अनगिन नाम,
धनुषरधारी वंशीधारी,
कभी नरसिंह भगवान,
भजन की शुभ बेला नादांन,
करो नित परमेश्वर का ध्यान।।
सौप दे उसके हाथों अपनी,
ये जीवन कि डोरी,
पार करेंगे भव सागर से,
जीवन नैया तोरी,
बड़ा दयालु है ये राजेन्द्र,
अपना कृपा निधान,
भजन की शुभ बेला नादांन,
करो नित परमेश्वर का ध्यान।।
भजन की शुभ बेला नादान,
करो नित परमेश्वर का ध्यान,
यही हमारी सच्ची दौलत,
यही हमारी सच्ची दौलत,
बाकी स्वप्न समान,
भजन की शुभ बेला नादांन,
करो नित परमेश्वर का ध्यान।।
गीतकार / गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340