भजन बिना कोई नहीं जागे रे राजस्थानी भजन लिरिक्स

भजन बिना कोई नहीं जागे रे,
थारा जनम जनम का पाप करेड़ा,
किण विध भागे रे,
भजन बिना कोई नहीं जागे रे।।



संता की संगत करि कोनी भवरा,

भरम किया भागे रे,
राम नाम की सार कोनी जाणे,
राम नाम की सार कोनी जाणे,
बाता में आगे रे,
भजन बिना कोई नहीं जागे रे।।



आ संसार काल वाली गिंडी,

टोरा लागे रे,
गुरु गम चोट सही कोनी भवरा,
गुरु गम चोट सही कोनी भवरा,
थारे गोडा में लागे रे,
भजन बिना कोई नहीं जागे रे।।



सत सिमरण का सैल बणा ले,

संता सागे रे,
नार सूकमणा राड लड़े रे,
नार सूकमणा राड लड़े रे,
थारा जमडा भागे रे,
भजन बिना कोई नहीं जागे रे।।



नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा,

संता सागे रे,
भवानी नाथ अर्ज गुजारे,
भवानी नाथ अर्ज गुजारे,
गुरुवा आगे रे,
भजन बिना कोई नहीं जागे रे।।



भजन बिना कोई नहीं जागे रे,

थारा जनम जनम का पाप करेड़ा,
किण विध भागे रे,
भजन बिना कोई नहीं जागे रे।।

गायक – सांवरमल सैनी।
भजन प्रेषक –
धीरज कुमार,
Ph. 9950112753


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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