भाई मेरा बनके आ,
रे सांवरे तु क्यों नहीं आता,
आ रे प्यारे अब आ जा रे,
अब आ जा रे,
आ रे प्यारे अब आ,
प्यारे अब आ जा रे।।
सबकी सुने है तु मैं अपनी सुनाऊं,
फौज में गया है भाई कैसे मैं बुलाऊं,
मुझको ना तु भी तड़पा,
रे सांवरे तु क्यों नहीं आता।।
जंग की खबर सुनके रुक नहीं पाया,
सीमा पे है जंग तो वो घर नहीं आया,
तू मुझसे रे प्रीत जता,
रे सांवरे तु क्यों नहीं आता।।
राखी का है दिन तो मेरी आंखें भर आई,
किसको मै बांधूं राखी देवे ना दिखाई,
तुझमें ही भाई दिखता,
रे सांवरे तु क्यों नहीं आता।।
दर पे ना होती तेरे देर या अंधेर है,
लगे है ‘जालान’ को यह समय का ही फेर है,
आजा अब तो दर्श दिखा,
रे सांवरे तु क्यों नहीं आता।।
भाई मेरा बनके आ,
रे सांवरे तु क्यों नहीं आता,
आ रे प्यारे अब आ जा रे,
अब आ जा रे,
आ रे प्यारे अब आ,
प्यारे अब आ जा रे।।
गायक – प्रवीण कुमार “पिंटू”
लेखक / प्रेषक – पवन जालान जी।
9416059499 भिवानी (हरियाणा)