भगत बुलावे मत ना,
नाटो म्हारा श्याम जी,
टाबरा रे कानी इकबर,
बालका रे कानी इकबर,
झांको म्हारा श्याम जी,
भगत बुलावें मत ना,
नाटो म्हारा श्याम जी।।
घुड़लो थारो चुप चुप,
बैठ्यो ऊब जावेलो,
थोड़ो सा चलावोला तो,
वो भी झूम जावेलो,
लीले लीले घोड़लिए ने,
हांको म्हारा श्याम जी,
टाबरा रे कानी इकबर,
बालका रे कानी इकबर,
झांको म्हारा श्याम जी,
भगत बुलावें मत ना,
नाटो म्हारा श्याम जी।।
टूटे ना भरोसो बाबा,
आनो थाने पड़सी,
बालका नै कालजे,
लगाणो थाने पड़सी,
मत ना करो मनड़े ने,
खाटों म्हारा श्याम जी,
टाबरा रे कानी इकबर,
बालका रे कानी इकबर,
झांको म्हारा श्याम जी,
भगत बुलावें मत ना,
नाटो म्हारा श्याम जी।।
जीवड़ो उमड्यो आवे म्हारो,
जईया सावन भादवो,
‘शुभम रूपम’ ने बाबा,
एक थारो आसरो,
अठिने बठिने मत ना,
ताको म्हारा श्याम जी,
टाबरा रे कानी इकबर,
बालका रे कानी इकबर,
झांको म्हारा श्याम जी,
भगत बुलावें मत ना,
नाटो म्हारा श्याम जी।।
भगत बुलावे मत ना,
नाटो म्हारा श्याम जी,
टाबरा रे कानी इकबर,
बालका रे कानी इकबर,
झांको म्हारा श्याम जी,
भगत बुलावें मत ना,
नाटो म्हारा श्याम जी।।
गायक – शुभम रूपम।
प्रेषक – निलेश मदनलाल जी खंडेलवाल।
धामनगांव रेलवे। 9765438728