म्हारा बेटा न्यारों मति,
होजे ओ राज।
दोहा – माता पिता परमात्मा,
पति सेवा गुरु ज्ञान,
इनसे हिलमिल चालिए,
वह नर चतुर सुजान।
संसार सागर है अगर,
माता पिता एक नाव है,
जिसने भी की तन से सेवा,
उसका बेड़ा पार है।
जिसने दुखी आत्मा,
वह डूबता मझधार है,
माता पिता परमात्मा,
मिलता ना दूजी बार है।
मां की दुआ कभी खाली नहीं जाती,
भगवान से भी टाली नहीं जाती,
बर्तन मांज कर पाल लेती है,
मां चार बेटों को,
और बुढ़ापे में चार बेटों से,
एक मां पाली नहीं जाती।
अलका में राखी बेटा,
पलका में राखी बेटा,
गोद्या में राखी बेटा,
कंधा पर राखी बेटा,
हिवड़ा में राखी,
पलका में राखी ओ,
म्हारा बेटा न्यारों मति,
होजे ओ राज,
हा रे म्हारा बेटा मत ना,
निकालें ओ राज।।
छोटी सी उम्र में रे थारा,
लाड लडाती बेटा,
गिला ने धोइ बेटा दूध पिलाती बेटा,
टीको लगाती बेटा,
पिन्गे में झुलाती रे,
हो हो हारे म्हारा बेटा,
न्यारो मती होजें राज,
हां रे म्हारा बेटा,
मत ना रुलाजे हो राज।।
आ गयो रे बुढ़ापो बेटा,
खारी थन लागू बेटा,
बुरी तन लागू बेटा,
भुंडी तने लागू रे,
हो हो हां रे म्हारा बेटा,
न्यारो मती होजे हो राज।।
हां रे म्हारा बेटा मत ना,
रुलाजे हो राज,
गाया चरा लूं थारा,
बछड़ा चरा लूं,
बेटा नीचे सो जाऊं बेटा,
आधी खा लेसू बेटा,
बर्तन धो लेस्यू ये हो हो,
अरे म्हारा बेटा,
न्यारो मत होजे हो राज,
हां रे म्हारा बेटा,
मत ना रुलाजे हो राज।।
माता पिता तो है वो,
घर को मान्डण बेटा,
खुशियां को आंगण बेटा,
जीवन रो सांगण बेटा,
घर को मांडण रे हो हो,
आ रे म्हारा बीरा,
मालूणी समझावे हो राज,
हो हो हो हां रे मारा बेटा,
न्यारो मत होजे हो राज।।
अलका में राखी बेटा,
पलका में राखी बेटा,
गोद्या में राखी बेटा,
कंधा पर राखी बेटा,
हिवड़ा में राखी,
पलका में राखी ओ,
म्हारा बेटा न्यारों मति,
होजे ओ राज,
हा रे म्हारा बेटा मत ना,
निकालें ओ राज।।
गायक – रामकुमार मालुनि।
प्रेषक – मुकेश मेंणसा चौहटन।
9602448048