भटकता डोले काहे प्राणी,
भटकता डोले काहे प्राणी,
चला आ प्रभु की तू शरण मे,
संवर जाएगी ये जिंदगानी,
भटकता डोले काहे प्राणी।।
भटकता डोले काहे प्राणि,
भटकता है क्यों मोह माया मे,
ये काया तेरी आनी जानी,
भटकता डोले काहे प्राणी।।
भटकता डोले काहे प्राणि,
भटकना तेरा भक्ति पथ से,
तुझे प्रभु कृपा की है हानि,
भटकता डोले काहे प्राणी।।
भटकता डोले काहे प्राणि,
भटकने वाले दुख पाते है,
अगर बदले मन मे नादानी
भटकता डोले काहे प्राणी।।
भटकता डोले काहे प्राणि,
करो नित सुमिरन राम का रे,
रहे तेरे जीवन मे खुशहाली,
भटकता डोले काहे प्राणी।।
भटकता डोले काहे प्राणि,
चला आ शिव की तू शरण में,
संवर जाएगी ये जिंदगानी,
भटकता डोले काहे प्राणी।।