नवरात्रा की पावन वेला,
सच्चे दिल तै देऊँ हेला,
चाहिए ना मैने पैसा धेला,
बस घर में गेड़ा मार दियो,
नवरात्रा की पावन वेला।।
भगती करण मै नही घाट जी,
सारा कुनबा देखे बाट जी,
इसे लगा देऊं थारे थाट जी,
जैव सबने बेरा पाट जी,
सारे बुलावे मै नही अकेला,
म्हारे आंगन लगज्या मेला,
चाहिए ना मैने पैसा धेला,
बस घर मै गेडा मार दियो,
नवरात्रा की पावन वेला।।
जगदम्बे मां करो सुनाई,
वृत करे और ज्योत जगाई,
कृपा करदे रंग बरसा दो,
एके इच्छा जगत भलाई,
लोग कह मै सु अलबेला,
छोड़ दिया मैंने सारा झमेला,
चाहिए ना मैने पैसा धेला,
बस घर मै गेडा मार दियो,
नवरात्रा की पावन वेला।।
‘अमित केशव’ थारे भरोसे,
फालतू बात मां कोन्या सोचे,
घणी कसूती लगन लाग री,
मछली की जू मनवा लोचे,
थारा भगत मै नया नवेला,
सब गुरुआ मै सब का चेल्ला,
चाहिए ना मैने पैसा धेला,
बस घर मै गेडा मार दियो,
नवरात्रा की पावन वेला।।
नवरात्रा की पावन वेला,
सच्चे दिल तै देऊँ हेला,
चाहिए ना मैने पैसा धेला,
बस घर में गेड़ा मार दियो,
नवरात्रा की पावन वेला।।
गायक – अमित केशव।
9992771630