बांके बिहारी श्री वृन्दावन में,
हाये मेरा दिल खो गया।
दोहा – हरे कृष्ण सदा कहते कहते,
मन चाहे जहाँ वहाँ घुमा करूँ,
मधुमोहन रूप रस पीकर के,
उनमे उन्मत हो रुमा करूँ।
मन मंदिर में बिठला के तुम्हे,
पग तेरे निरंतर चूमा करूँ,
अति सुन्दर वेश ब्रजेश तेरा,
रहा रोम ही रोम में रुमा करूँ।
बांके बिहारी श्री वृन्दावन में,
हाये मेरा दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया।।
तर्ज – ओ साहिबा।
यहाँ यमुना किनारा है,
श्री निधिवन प्यारा है,
कण कण में बिहारी जी,
यहाँ तेरा नज़ारा है,
दिल खो गया दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया,
बाँके बिहारी श्री वृन्दावन में,
हाये मेरा दिल खो गया।।
होता नित रास यहाँ,
संतो का वास यहाँ,
सदा भाव और भक्ति का,
होता अहसास यहाँ,
दिल खो गया दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया,
बाँके बिहारी श्री वृन्दावन में,
हाये मेरा दिल खो गया।।
देखा जब से तुमको,
मैं हो गया दीवाना,
नहीं होश रहा कोई,
हुआ खुद से बेगाना,
दिल खो गया दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया,
बाँके बिहारी श्री वृन्दावन में,
हाये मेरा दिल खो गया।।
कहे ‘चित्र-विचित्र’ प्यारे,
कभी दिल से ना बिसराना,
पागल बस तेरा है,
हर जनम में अपनाना,
दिल खो गया दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया,
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बाँके बिहारी श्री वृन्दावन में,
हाये मेरा दिल खो गया।।
बांके बिहारी श्री वृन्दावन में,
हाये मेरा दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया,
दिल खो गया दिल खो गया।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
ये भी देखें – मेरो बांके बिहारी अनमोल रसिया।
Bahut hi pyaara bhajan h ye ♥️