वृन्दावन जाऊंगी,
ना फिर मैं लौटके आऊंगी,
बन जोगन श्याम नाम की,
मैं तो धुनी रमाऊंगी।।
दुनिया की हर एक उलझन से,
मुझको छुड़ा लिया,
जिसने मेरे मन को अपना,
मन्दिर बना लिया,
उस मनमोहन के मन्दिर में,
कुटिया बनाऊंगी,
बन जोंगन श्याम नाम की,
मैं तो धुनी रमाऊंगी।।
सोना चांदी हीरा मोती,
मन को ना भाए,
रात और दिन पल पल कान्हा की,
याद में दिल गाए,
हरि नाम सरोवर में डूबूंगी,
पार मैं पाऊंगी,
बन जोंगन श्याम नाम की,
मैं तो धुनी रमाऊंगी।।
संगी साथी और नहीं,
तेरे बिन गोपाला,
अंधियारे जीवन में दीपक,
तू ही नंदलाला,
अब आजा नहीं तो,
राह में तेरी मैं मर जाऊंगी,
बन जोंगन श्याम नाम की,
मैं तो धुनी रमाऊंगी।।
वृन्दावन जाऊंगी,
ना फिर मैं लौटके आऊंगी,
बन जोगन श्याम नाम की,
मैं तो धुनी रमाऊंगी।।
Singer – Varsha Shrivastava
Lyrics – Dr. Jaya Nargis
Music – Vijay Nanda
9082787510