बम बम भोले,
डम डम डमरू बोले,
ये सांपो का गहना,
किसने पहना दिया।।
तर्ज – परदेसिया ये सच है पिया।
शीश पे गंग है,
गंग में तरंग है,
लाखो ही पापी को,
पापो से धोया,
है गंगा मैया के,
तू ही खिवैया,
की तेरा ये घूंघट,
ये शिव की जटा,
बम बम भोलें,
डम डम डमरू बोले,
ये सांपो का गहना,
किसने पहना दिया।।
भाल पे चंद्रमा,
आंख में आग है,
गले मे ये देखो,
जो मुंडो की माला,
तट पे ये देखो की,
है मृग छाला,
ये छाला में देखो,
की स्वर्णीम छटा,
बम बम भोलें,
डम डम डमरू बोले,
ये सांपो का गहना,
किसने पहना दिया।।
संग में गोरी माँ,
गोद मे गणेश है,
नन्दी पे निकली,
भोले की सवारी,
त्रिभुवन के राजा के,
मन मे समाजा की,
दास ‘पारासर’ सरने खड़ा,
बम बम भोलें,
डम डम डमरू बोले,
ये सांपो का गहना,
किसने पहना दिया।।
बम बम भोले,
डम डम डमरू बोले,
ये सांपो का गहना,
किसने पहना दिया।।
गायक – जगदीश चंद्र परासर जी।
प्रेषक – कपिल टेलर।
गांव लीडी अजमेर 9509597293