बैठा जो खाटू में उससे कहना है भजन लिरिक्स

बैठा जो खाटू में उससे कहना है,
धारा में तेरी ही हमको बहना है,
सारी उमर तेरे संग रहना है,
बैठा जो खाटू में उससे कहना है।।

तर्ज – फूलों का तारों का सबका।



बाबा मेरी आँखों से होना ना तू दूर,

छाया रहे नैनो में तेरा ही सुरूर,
मेरा श्रृंगार तू तू ही गहना है,
धारा में तेरी ही हमको बहना है,
सारी उमर तेरे संग रहना है,
बैठा जो खाटू में उससे कहना है।।



भूखा जो सुलाएगा सो जाऊंगा मैं,

जैसे भी तू राखेगा रह जाऊंगा मैं,
सेवा में तेरी ही डूबे रहना है,
धारा में तेरी ही हमको बहना है,
सारी उमर तेरे संग रहना है,
बैठा जो खाटू में उससे कहना है।।



जैसा भी हूँ तेरा तू मेरा चितचोर,

‘लहरी’ मैंने बाँधी है तुझसे बाबा डोर,
तेरी प्रतीक्षा में खोए नैना है,
धारा में तेरी ही हमको बहना है,
सारी उमर तेरे संग रहना है,
बैठा जो खाटू में उससे कहना है।।



बैठा जो खाटू में उससे कहना है,

धारा में तेरी ही हमको बहना है,
सारी उमर तेरे संग रहना है,
बैठा जो खाटू में उससे कहना है।।

स्वर – उमा लहरी जी।


Previous articleबाबा श्याम दूजो काम मैं तो कोन्या जाणु जी भजन लिरिक्स
Next articleसच्चे मन से पूर्वजो पे श्रद्धा दिखाइये भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here