बैठ नजदीक तू बाईसा के फिर ये आभास होने लगेगा

बैठ नजदीक तू बाईसा के,
फिर ये आभास होने लगेगा,
बाईसा में दिखेंगे बाबोसा,
तुझको विश्वास होने लगेगा,
बैठ नजदीक तु बाईसा के,
फिर ये आभास होने लगेगा।।

तर्ज – इतनी शक्ति हमे देना।



बाईसा को मिली ऐसी शक्ति,

वो शक्ति है स्वयं बाबोसा,
बनके शक्ति स्वरूपा जो जग में,
करती कल्याण सबका बाईसा,
बाबोसा का है पर्चा निराला,
तुझको एहसास होने लगेगा,
बाईसा रूप में स्वयं बाबोसा,
तुझको विश्वास होने लगेगा,
बैठ नजदीक तु बाईसा के,
फिर ये आभास होने लगेगा।।



भक्तो की उलझन को बाईसा,

एक पल में ही सुलझा रही है,
नाम लेकर बाबोसा का पल में,
सबके संकट मिटा वो रही है,
हमको रस्ता दिखा रही है,
अपना प्यार लुटाये बाईसा,
जब निराश तू उदास होने लगेगा,
बाईसा के दिल मे बाबोसा,
तुझको विश्वास होने लगेगा,
बैठ नजदीक तु बाईसा के,
फिर ये आभास होने लगेगा।।



भक्ति करते जो बाबोसा से,

रखती बाईसा उनकी खबर है,
साया बनके वो चलती हमेशा,
अपने भक्तो की उंगली पकड़के,
भक्ति कर तू बाबोसा की ‘दिलबर’
वो तेरे साथ होने लगेगा,
बाईसा मे दिखेंगे बाबोसा,
तुझको विश्वास होने लगेगा,
बैठ नजदीक तु बाईसा के,
फिर ये आभास होने लगेगा।।



बैठ नजदीक तू बाईसा के,

फिर ये आभास होने लगेगा,
बाईसा में दिखेंगे बाबोसा,
तुझको विश्वास होने लगेगा,
बैठ नजदीक तु बाईसा के,
फिर ये आभास होने लगेगा।।

गायिका – सुजाता त्रिवेदी जी।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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