बागेश्वर धाम पे आके मनवांछित फल मिलते है

बागेश्वर धाम पे आके,
मनवांछित फल मिलते है,
दुःख के कांटे सब मिट जाते,
सुख के फूल खिलते है,
बागेश्वर धाम पे आ के,
मनवांछित फल मिलते है।।



कलयुग में सब लोग है दुखिया,

दिखता नहीं सहारा है,
जाए तो वो जाए कहाँ पर,
जो किस्मत का मारा है,
नई आशाएं मन में जगती,
बाबा के दरबार में,
श्रद्धा से एक बार तो आजा,
आके लग तू कतार में,
सच्चे मन वालों की बाबा,
मुश्किल सब हल करते है,
बागेश्वर धाम पे आ के,
मनवांछित फल मिलते है।।



टूटा मन हो बिखरे सपने,

अपने तेरे रूठ गए,
जिनको भी समझा था अपना,
वो सहारे छूट गए,
घबराने की नहीं जरूरत,
बैठे बाबा दरबार में,
एक बार जो दर पे आए,
डोले ना मझधार में,
बदले किस्मत की रेखाएं,
सोए भाग संवरते है,
बागेश्वर धाम पे आ के,
मनवांछित फल मिलते है।।



कोई ऐसा दुःख नहीं जो,

कटता ना नहीं दरबार में,
आनंद और कहीं ना ऐसा,
जो बाबा के प्यार में,
एक बार जो आए कोई,
बार बार वो आता है,
बाबा अपने भक्तों के सब,
संकट आप मिटाता है,
बाबा के जो भक्त है वो ना,
किसी चीज को तरसते है,
बागेश्वर धाम पे आ के,
मनवांछित फल मिलते है।।



बागेश्वर धाम पे आके,

मनवांछित फल मिलते है,
दुःख के कांटे सब मिट जाते,
सुख के फूल खिलते है,
बागेश्वर धाम पे आ के,
मनवांछित फल मिलते है।।

गायक – श्री राजू चंचल जी।
कैथल वाले। 9896310156
लेखक – मीनाक्षी कुंडू जी।
संगीतकार – लवली धीमान।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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