अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना लिरिक्स

अयोध्या नाथ से जाकर,
पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता,
हुई बेहाल कह देना,
अयोंध्या नाथ से जाकर,
पवनसुत हाल कह देना।।



जब से लंका में आई,

नहीं श्रृंगार है कीन्हा,
नहीं बांधे अभी तक,
खुले है बाल कह देना,
अयोंध्या नाथ से जाकर,
पवनसुत हाल कह देना।।



यहाँ रावण सदा धमकी,

मुझे तलवार की देता,
करो तलवार के टुकड़े,
ये अंजनीलाल कह देना,
अयोंध्या नाथ से जाकर,
पवनसुत हाल कह देना।।



अंगूठी राम को देकर,

सुनाना हाल सब दिल का,
भूले राम सीता को,
ये अंजनीलाल कह देना,
अयोंध्या नाथ से जाकर,
पवनसुत हाल कह देना।।



अगर एक मास के अन्दर,

मेरे राम ना आये,
तो सीता राम ना पाये,
ये अंजनीलाल कह देना,
अयोंध्या नाथ से जाकर,
पवनसुत हाल कह देना।।



अयोध्या नाथ से जाकर,

पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता,
हुई बेहाल कह देना,
अयोंध्या नाथ से जाकर,
पवनसुत हाल कह देना।।

गायक – पं. श्री रविकांत भार्गव।
प्रेषक – मनोज।
9425072274


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. मुझे भजन कीर्तन बहुत अच्छे लगते हैं और में उसमें रुचि रखता हैं ओर गया भी हू

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