अयोध्या नगरी,
आज सोने री भई,
आज सोने री भई,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
राजा दसरथ घर राम जन्मिया,
राजा दसरथ घर राम जन्मिया,
घर घर खुशी रे भई,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
राजा दसरथ घर मढियो पालणो,
राजा दसरथ घर मढियो पालणो,
हिरा मोती सु जड़ो,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
राजा दसरथ घर बाजा बाजे,
राजा दसरथ घर बाजा बाजे,
लंका तो धुज रही,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
दादुर मोर पपैया बोले,
दादुर मोर पपैया बोले,
कोयल गुंज रही,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
नव सौ नदियां उबकण लगी,
नव सौ नदियां उबकण लगी,
चरण पखार रही,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
पाट पीतांबर दासा ने दिना,
पाट पीतांबर दासा ने दिना,
विप्रा ने भोम सही,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
तुलसीदास आस रघुवर की,
तुलसीदास आस रघुवर की,
घर घर खुशी छाई रे,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
अयोध्या नगरी,
आज सोने री भई,
आज सोने री भई,
राजा री नगरी,
आज सोने री भई।।
गायक – स्वामी सचिदानंद आचार्य जी।
प्रेषक – सुभाष काकड़ा।
9024909170