अवसर तेरा पल पल में जावे सुता ने नींद क्यूं आवे लिरिक्स

अवसर तेरा पल पल में जावे,

दोहा – कबीर इन संसार में,
धारा देखी दोय,
धन चाहिए तो धर्म करो,
मुक्ति नाम से होय।



अवसर तेरा पल पल में जावे,

सुता ने नींद क्यूं आवे,
सिरहाणे जम खड़ा बेरी,
भजन बिना कौन गति तेरी।।



बड़े भये रावण से राजा,

जिनो घर बाजते बाजा,
जीते सब लोक ते डंका,
सो खाली कर गए लंका,
अवसर तेरा पल पल मे जावे,
सुता ने नींद क्यूं आवे।।



पड़े ज्यूँ पाणी की पोटा,

भरोसा देह का खोटा,
अंत में जंगल में वासा,
झूठी सब जगत की आशा,
अवसर तेरा पल पल मे जावे,
सुता ने नींद क्यूं आवे।।



कंचन सी देह है काची,

जले वाकी अग्नि सी छाती,
मेरे तो सायब से मिलना,
जहाँ नहीं काल का चलना,
अवसर तेरा पल पल मे जावे,
सुता ने नींद क्यूं आवे।।



सुरपति को काल ने खाया,

खोटी ये जगत की माया,
तांही से विलम्ब ना कीजे,
कबीरा राम रस पीजे,
अवसर तेरा पल पल मे जावे,
सुता ने नींद क्यूं आवे।।



अवसर तेरा पल पल मे जावे,

सुता ने नींद क्यूं आवे,
सिरहाणे जम खड़ा बेरी,
भजन बिना कौन गति तेरी।।

स्वर – सुनीता जी स्वामी।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पंवार,
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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