अवध में आए है रघुराई,
खत्म हुआ वनवास राम का,
घर घर खुशियां छाई,
अवध मे आए हैं रघुराई।।
घर घर भगवा लहर रहा है,
धर्म सनातन हरष रहा है,
बच्चा बच्चा बोल रहा है,
राम नाम रस घोल रहा है,
इनका स्वागत कर लो दिल से,
गाओ सारे बधाई,
अवध मे आए हैं रघुराई।।
राम अवध में बुला रहे है,
मान भगत का बढ़ा रहे है,
मंदिर सुंदर बना रहे है,
भक्त दिवाली मना रहे है,
हनुमत के दिल की मत पूछो,
राम की रटन लगाई,
अवध मे आए हैं रघुराई।।
कौशल्या दशरथ के प्यारे,
सीता मां के प्रियतम प्यारे,
मर्यादा का पाठ सिखाये,
सुख-दुख जीवन रहना सिखाये,
बीत गए दिन अब विपदा के,
बारी रामराज की आई,
अवध मे आए हैं रघुराई।।
अवध में आए है रघुराई,
खत्म हुआ वनवास राम का,
घर घर खुशियां छाई,
अवध मे आए हैं रघुराई।।
गायक / लेखक – द्वारका मंत्री देवास।
9425047895
संगीत – गौतम गाडोईया।
वीडियो एवं ऑडिटर – कैलाश ताराणी।