अपनी पायल का घुंघरू,
बना लो मुझे,
चरणों से अब,
लिपटा लो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे।।
पैरों में बंध कर के राधे,
छम छम छम डोलूं,
जन्म जन्म के पापो को,
चरणों से लिपट के धो लूँ,
घुंघरू में सजा के,
मिला लो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे,
चरणों से अब,
लिपटा लो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे।।
जब जब चरण रखूं धरती पर,
तब तब बजा करूँ मैं,
छनकारो में मिल कर श्यामा,
इन में ही जढ़ा रहूं मैं,
ताल सुर से हटु तो,
संभालो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे,
चरणों से अब,
लिपटा लो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे।।
जिन चरणों मे बंध कर मेरी,
किस्मत जाग उठे,
लिपटा रहूं पागल बन के,
मन की कली खिले,
झूठी दुनिया से अब तो,
उठा लो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे,
चरणों से अब,
लिपटा लो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे।।
अपनी पायल का घुंघरू,
बना लो मुझे,
चरणों से अब,
लिपटा लो मुझे,
अपनी पायल का घुँघरू,
बना लो मुझे।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी।
प्रेषक – राज कपूर,रासेश्वर दास।
रोहनी-दिल्ली, 09810035714
बहुत सुंदर भजन हैं,,,