संत श्री अणदारामजी री कथा द्वितीय भाग

संत श्री अणदारामजी री कथा द्वितीय भाग,

साचा सतगुरु आप भेटिया,
जीवन सफल बनाय दियो,
लक्ष्मीनारायण रा सेवक ए बनकर,
सेवा मे मनडो लगाय दियो,
करे भगती प्रेम भाव सु,
करे भगती प्रेम भाव सु,
जीवन सफल बनाय दियो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



बागा रा फुलडा चुन चुन लावे,

प्रभुजी रे सेवरा बनाय रयो,
नेम धर्म लक्ष्मीनारायण री पूजा,
जीवन लेख लिखाय दियो,
ओठो ही पोर अलख रो आसन,
ओठो ही पोर अलख रो आसन,
सुमरन रटना लगाय रयो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



गाँव धोराजी मे नाम रा डंका,

गाँव मोदरा मे बाज रयो,
अणदारामजी झेली रे सुमरना,
भगती रो मेहुडो गाज रयो,
पूर्ण संत रो गुरू पद पायो,
पूर्ण संत रो गुरू पद पायो,
दुनिया में डंका बजाय दियो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



भिक्षा ले गुरू अणदारामजी,

सत्य धर्म रो काज करे,
अन्न क्षेत्र गुरूदेव चलावे,
अरे आय लोगा रो गुरू मान राखे,
अरे एक वर्ष गुरूजी काल पडग्यो,
एक वर्ष गुरू काल पडग्यो,
त्राहि त्राहि मम दुनिया करे,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



गाँव रा लोग सब भेला तो हुई ने,

अणदारामजी रे पास आया,
भूख सु सतगुरु काया तडप रही,
महर करो धिन गुरू दाता,
एक कमरा री तरफ किनो रे इशारो,
जाय गाँव वाला नजर पसार्यो,
अन्न धन रो भण्डार भरीयो,
उन दिन सु ओ क्षेत्र ओ चाले,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



पर उपकारी संत इतकारी,

दया रे धर्म को काम कियो,
सोनी कुल रो मान बढायो,
एडो गुरूजी भजन कियो,
संत इतकारी परम उपकारी,
संत इतकारी परम उपकारी,
अणदारामजी रो नाम हुवो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



सौ वर्ष तक रया रे धरण पर,

धिन सतगुरुजी भजन कियो,
एक दिन मन में बात विचारी,
हरि सु मिलन रो मनडो हुवो,
अणदारामजी आ लीवना लगाई,
जीवत समाधि लेवु बात सुनो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



विक्रम संवत १८२८,

गुरू पूर्णिमा रो दिन ओ लियो,
अणदारामजी लिनी रे समाधि,
भगता री आँखीया मे नीर भरीयो,
भगत उदास हुआ मन माई,
सतगुरुजी ने याद कियो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



लीनी समाधि अणदारामजी,

गाँव गाँव मे प्रचार हुवो,
गाँव रा लोग इकट्ठा होग्या,
नर नारी रो मेलो रे हुवो,
आय समाधि पर शिश निवावे,
आय समाधि पर शिश निवावे,
सतगुरु सा रो चरनो लियो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



सतगुरु दाता दीनदयाला,

भगता पर थे महर करो,
आपरा नाम रा बाजे रे डंका,
सेवकीया पर हाथ धरो,
‘श्याम पालीवाल’ महिमा आ गाई,
श्याम पालीवाल महिमा आ गाई,
भूल चूक दाता माफ़ करो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुवो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।



हरि हर रूप गुरासा ने सिवरू,

कथा रे केवन रो मतो रे कियो,
ए अणदारामजी री गावु मै वार्ता,
अणदोजी सोनी री गावु मै वार्ता,
हरि रा भजन मे आनंद लियो,
ए सोनी कुल सिरमौर गुरासा,
ए गाँव मोदरा मे जन्म लियो,
महर कराई अणदोजी सोनी,
अवतारण रो मंत्र दीयो,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
राम ने सुमर थारी सुधरेला काया,
जो सुमरिया वो पार हुयो,
राख विश्वास भरोसो भारी,
अणदारामजी री महिमा आ भारी।।

गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818


Previous articleमहाकाल की कृपा से संसार चल रहा है भजन लिरिक्स
Next articleसंत श्री अणदारामजी री कथा प्रथम भाग
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here