अमर जोगी जोग जुगत कर सोजी भजन वाणी

अमर जोगी जोग जुगत कर सोजी,

दोहा – किस विध सतगुरु बैठणो,
और कैसे रटणो नाम,
किस विध ध्यान लगावणो,
दाता कैसे पूगू गाँव।
कैसे पुगू गाँव,
कौन घर फेरु माळा,
किन विध करू विचार,
तो मेरा किन विध कटे पियाळा।
कुण घर में गुरु बैठ के,
वठे हंस करे विश्राम,
किस विध सतगुरु बैठणो,
और कैसे रटणो नाम।
सहज समाधि बैठणो,
और बिन मुख रटणो नाम,
सुखमण ध्यान लगावणो,
अब गम कर पुगो गाँव,
गम कर पुगो गाँव,
चाँद घर फेरु माळा,
सूरज घर करू विचार,
त्रिकुटी में होत उजाला।
गिगन मंडल घर बैठ के,
वठे हंस करे विश्राम,
इस विध सतगुरु बैठणो,
तो दाता ऐसे रटणो नाम।



अमर जोगी जोग जुगत कर सोजी,

धर असमान पवन कोनी पाणी,
आगे का मार्ग खोजी।।



कौन कमल में गुरु विराजे,

कौन कमल में चेला,
कौन के माहे काल का झंडा,
कौन में हंस रहेला,
अमर जोगि जोग जुगत कर सोजी।।



कौन कमल सू बाणी उपजे,

कौन कमल सू बोले,
कुण के आगे ताला जड़िया,
कुण कुंची सू खोले,
अमर जोगि जोग जुगत कर सोजी।।



कौन कमल में सुरति शब्द हैं,

कौन कमल में माया,
कौन कमल में जीव ब्रह्म हैं,
किस विध उपजी काया,
अमर जोगि जोग जुगत कर सोजी।।



कौन कमल में अंमर ज्योति,

कुण नेत्रस्यू देखी,
हद बेहद का भेद बताओ,
वठे हैं दोय क्या एकी,
अमर जोगि जोग जुगत कर सोजी।।



कौण भोम में मार्ग लागे,

कुण नगरी में जासी,
कहे लादुनाथ खोज कर किशना,
कौन अठे अविनाशी,
अमर जोगि जोग जुगत कर सोजी।




अमर जोगी सत में खोज लखाया,

पाँच तत्व गुण तीनों के ऊपर,
केवल आत्मा थाया।।



अगम पुरी में मेरा गुरु बिराजे,

निगमपुरी में चेला,
हद के माही काल का झंडा,
बेहद हंस रेवेला,
अमर जोगी सत में खोज लखाया।।



हिरदे कमल सू बाणी उपजे,

मुख कमल सू बोले,
सुन्न के आगे ताला जड़िया,
सोहं कुंची खोले,
अमर जोगी सत में खोज लखाया।।



ओहं सोहं अर सुरति शब्द ये,

तीन लोक की माया,
जीवब्रह्म ना आवागमन में,
जल से उपजी काया,
अमर जोगी सत में खोज लखाया।।



अखेह कमल में अमर ज्योति,

दिव नेत्र सू देखी,
हद बेहद ने लारे छोड़िया,
वठे नाय दोय ना एकी,
अमर जोगी सत में खोज लखाया।।



अगम भोम में मार्ग लागे,

बेगम नगरी जासी,
कहे लादुनाथ खोज करी किशना,
आप अठे अविनासी,
अमर जोगी सत में खोज लखाया।।



अमर जोगी सत में खोज लखाया,

पाँच तत्व गुण तीनों के ऊपर,
केवल आत्मा थाया।।

प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


Previous articleले के पूजा की थाली ज्योत मन की जगा ली भजन लिरिक्स
Next articleआतम आप सकल में रमता ना वे जन्मे ना वे मरता
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here