कोई कहे तुझे कृष्ण कन्हैया,
कोई कहे तुझे श्याम,
कोई कहे तुझे केशव माधव,
कोई कहे घनश्याम,
सब जाने है महिमा थारी,
जग में सबसे न्यारी,
हाथ मुरलिया लिले सवारी,
तीन बाण के धारी,
ऐसा है मेरा गिरधारी,
ऐसा हैं मेरा गिरधारी।।
तर्ज – उड़ जा काले।
खाटू में दरबार लगा के,
सज धज करके बैठे,
मनमोहक श्रृंगार श्याम का,
खुशबुओं से महके,
बागो ऐसो पहने बाबा,
हीरा चम चमके,
ऐसो मुखड़ो लागे जैसे,
चांद जमी पर ढलके,
ऐसा हैं मेरा गिरधारी।।
मन के मंदिर में भक्तो के,
श्याम प्रभु रहते है,
भक्तो की पीड़ा को बाबा,
सुनते ही हरते है,
अपना सब कुछ सोंप दिया है,
श्याम के हाथों में,
दिल मेरा ये खो जाता है,
श्याम की बातो में,
ऐसा हैं मेरा गिरधारी।।
तुम बिन करे भरोसा किसका,
सब मतलब के संगी,
सबके मन में भोग लालसा,
खोट कपट सतरंगी,
हारयोडा को साथ निभावे,
जाने दुनिया सारी,
दीपप्रदीप तो महिमा गावे,
है कलयुग अवतारी,
ऐसा हैं मेरा गिरधारी।।
कोई कहे तुझे कृष्ण कन्हैया,
कोई कहे तुझे श्याम,
कोई कहे तुझे केशव माधव,
कोई कहे घनश्याम,
सब जाने है महिमा थारी,
जग में सबसे न्यारी,
हाथ मुरलिया लिले सवारी,
तीन बाण के धारी,
ऐसा है मेरा गिरधारी,
ऐसा हैं मेरा गिरधारी।।
Singer – DeepPradeep Bundi
8239934402