ए पहुना ए ही मिथिले में रहु ना भजन लिरिक्स

ए पहुना ए ही मिथिले में रहु ना,
जउने सुख बा ससुरारी में,
तउने सुखवा कहूं ना,
ऐ पहुना ए ही मिथिले में रहु ना।।



रोज सवेरे उबटन मलके,

इत्तर से नहवाइब,
एक महीना के भीतर,
करिया से गोर बनाइब,
झूठ कहत ना बानी तनिको,
मौका एगो देहु ना,
ऐ पहुना ए ही मिथिले में रहु ना।।



नित नवीन मन भावन व्यंजन,

परसब कंचन थारी,
स्वाद भूख बढ़ि जाई,
सुनि सारी सरहज की गारी,
बार-बार हम करब चिरौरी,
औरी कुछ ही लेहू ना,
ऐ पहुना ए ही मिथिले में रहु ना।।



कमला विमला दूधमती में,

झिझरी खूब खेलाईब,
सावन में कजरी गा गा के,
झूला रोज झुलाईब,
पवन देव से करब निहोरा,
हउले- हउले बहु ना,
ऐ पहुना ए ही मिथिले में रहु ना।।



हमरे निहोरा रघुनंदन से,

माने या ना माने,
पर ससुरारी के नाते,
परताप को आपन जाने,
या मिथिले में रहि जाइयो या,
संग अपने रख लेहु ना,
ऐ पहुना ए ही मिथिले में रहु ना।।



ए पहुना ए ही मिथिले में रहु ना,

जो आनंद विदेह नगर में,
देह नगर में कहुं ना,
ऐ पहुना ए ही मिथिले में रहु ना।।

स्वर – मैथिलि ठाकुर।
प्रेषक – आचार्य घनश्याम दासजी।
9793534434


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

3 COMMENTS

  1. Bahut hi sundar rachna he ye Bihar ke femas Bhojpuri or Mithila ke lok pariy maythli ka sangam sarsvati pargat ho gai he

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