ऐ मेरे दिल बन जा हरी के काबिल भजन लिरिक्स

ऐ मेरे दिल,
बन जा हरी के काबिल,
मेरे दिल, मेरे दिल,
ऐ मेरे दील,
बन जा हरी के काबिल।।



दूर हटा अभिमान का डेरा,

कर ले ह्रदय में,
भक्ति ज्ञान का बसेरा,
श्रद्धा भाव से कर ले,
प्रभु को हासिल,
मेरे दिल, मेरे दिल,
ऐ मेरे दील,
बन जा हरी के काबिल।।



प्रभु से मिलन का,

करले यतन तू,
हरपल हरी का,
कर सुमिरन तू,
जीवन नैया के,
हरी ही तो है साहिल,
मेरे दिल, मेरे दिल,
ऐ मेरे दील,
बन जा हरी के काबिल।।



बिना हरी नाम के,

सूना है जीवन,
सब कुछ कर दे,
तू हरी को अर्पण,
छोड़ जगत हरी,
चरणों से जा तू मिल,
मेरे दिल, मेरे दिल,
ऐ मेरे दील,
बन जा हरी के काबिल।।



जब मनवा निर्मल हो जाये,

सहज प्रभु का तू बन जाए,
कहे ‘चित्र विचित्र’ उजड़ा,
गुलशन जाये खिल,
मेरे दिल, मेरे दिल,
ऐ मेरे दील,
बन जा हरी के काबिल।।



ऐ मेरे दिल,

बन जा हरी के काबिल,
मेरे दिल, मेरे दिल,
ऐ मेरे दील,
बन जा हरी के काबिल।।

Singer : Sadhvi Poornima Didi Ji


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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