ऐ मालिक तेरे बन्दे हम,
ऐसे हो हमारे करम,
नेकी पर चले,
और बदी से टले,
ताकि हंसते हुए निकले दम,
ऐ मालिक तेरे बंदे हम।।
ये अँधेरा घना छा रहा,
तेरा इंसान घबरा रहा,
हो रहा बेखबर,
कुछ ना आता नज़र,
सुख का सूरज छुपा जा रहा,
है तेरी रौशनी में जो दम,
तू अमावास को कर दे पूनम,
नेकी पर चले,
और बदी से टले,
ताकि हंसते हुए निकले दम,
ऐ मालिक तेरे बंदे हम।।
जब जुल्मों का हो सामना,
तब तू ही हमें थामना,
वो बुराई करे,
हम भलाई करे,
नहीं बदले की हो भावना,
बढ़ उठे प्यार का हर कदम,
और मिटे बैर का ये भरम,
नेकी पर चले,
और बदी से टले,
ताकि हंसते हुए निकले दम,
ऐ मालिक तेरे बंदे हम।।
बड़ा कमज़ोर है आदमी,
अभी लाखों हैं इसमें कमी,
पर तू जो खड़ा,
है दयालू बड़ा,
तेरी किरपा से धरती थमी,
दिया तूने हमे जब जनम,
तू ही झेलेगा हम सबके ग़म,
नेकी पर चले,
और बदी से टले,
ताकि हंसते हुए निकले दम,
ऐ मालिक तेरे बंदे हम।।
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम,
ऐसे हो हमारे करम,
नेकी पर चले,
और बदी से टले,
ताकि हंसते हुए निकले दम,
ऐ मालिक तेरे बंदे हम।।
Singer – Himanshi & Team