अबकी बार दिवाली बाबोसा के संग मनाये

मन मंदिर में आओ,
श्रद्धा के दीप जलाये,
अबकी बार दिवाली,
बाबोसा के संग मनाये,
दीपो का सुहाना ये त्योहार,
चलो मिलके चले बाबोसा दरबार।।



लंका विजयी कर श्री राम जी,

जब अयोध्या आये,
अवध वासीयो ने स्वागत में,
घर घर दीप जलाये,
जय जय श्री राम,
जय जय श्री राम,
उस दिन से ये दुनिया वाले,
दीपोउत्सव मनाये,
दीपो का सुहाना ये त्योहार,
चलो मिलके चले बाबोसा दरबार।।



शुभ महूर्त में घर घर होगी,

लक्ष्मी जी की पूजा,
सनातन संस्कृति में,
ऐसा पर्व नही है दूजा,
जय जय लक्ष्मी माँ,
जय जय लक्ष्मी माँ,
जिस घर मे हो बाबोसा,
वहाँ लक्ष्मी जी स्वयं आये,
दीपो का सुहाना ये त्योहार,
चलो मिलके चले बाबोसा दरबार।।



बाबोसा के मंदिर की है,

बात बड़ी ही निराली,
मंजू बाईसा के संग भक्त,
सभी मनाते दिवाली,
जय श्री बाबोसा,
जय श्री बाबोसा,
आओ ‘दिलबर’,
खुशियो के दीप जलाये,
दीपो का सुहाना ये त्योहार,
चलो मिलके चले बाबोसा दरबार।।



मन मंदिर में आओ,

श्रद्धा के दीप जलाये,
अबकी बार दिवाली,
बाबोसा के संग मनाये,
दीपो का सुहाना ये त्योहार,
चलो मिलके चले बाबोसा दरबार।।

गायक – संगीता, दिव्यांश।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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