अब दया करो हे भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
मेरे सर पर रख दो अपना हाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
अब दया करो हें भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में।।
तेरे चरणों में हो मेरा माथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
अब दया करो हें भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में।।
तेरे द्वार खड़े है रख ले लाज,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
अब दया करो हें भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में।।
मैं तो झूम झूम के नाचूं आज,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
अब दया करो हें भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में।।
जपू हर हर भोले दिन और रात,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
अब दया करो हें भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में।।
मेरे मन में बसे हो भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
अब दया करो हें भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में।।
अब दया करो हे भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
मेरे सर पर रख दो अपना हाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,
अब दया करो हें भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में।।
स्वर – पं. श्री प्रदीप जी मिश्रा।
प्रेषक – राम पाटीदार।
9468685688
Thanks