अब दया करो बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।
तुम काज संवारा करते हो,
दुखियों के दुखड़े हरते हो,
माता अंजनी के जाए हो,
सियाराम के मन में समाये हो,
सालासर धणी कहाते हो,
संकट में दौड़े आते हो,
अब दया करों बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।
सूरज को निगल गए समझ के फल,
सोने की लंका दी राख में बदल,
जब प्राण लखन के थे संकट में,
संजीवन लाये झटपट में,
दुष्टों का सदा संघार किया,
भक्तो का बेडा पार किया,
अब दया करों बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।
हम दुःख विपदा के मारे है,
इस झूठे जगत से हारे हैं,
उलझन ही उलझन पग पग पर,
रस्ता अब कोई आये ना नजर,
है ‘कमल सरल’ कमजोर पड़ा,
‘लक्खा’ ले फरियाद है दर पे खड़ा,
अब दया करों बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।
अब दया करो बजरंगबली,
मेरे कष्ट हरो बजरंगबली,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
मैं निर्बल शरण तिहारी हूँ,
कुछ ध्यान धरो बजरंगबली,
अब दया करो बजरंगबली।।
Singer : Lakkha Ji