आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार,
मुझको भी कर दे भव से तू पार,
तू तो बड़ा दानी है,
मेरे भोले शिवा,
जग का अंतर्यामी है,
मेरे भोले शिवा,
आया हूँ भोले मै तेरे द्वार।।
तर्ज – आने से उसके आये बहार।
सुन अरज ये मेरी,
शिव शंकर मेरे त्रिपुरारी,
भक्ति भर दे मुझ में,
झुके चरणों में ये दुनिया सारी,
चरणों की धूल हूँ मैं,
तू ही मेरा स्वामी है,
मेरे भोले शिवा,
जग का अंतर्यामी है,
मेरे भोले शिवा,
आया हूँ भोले मै तेरे द्वार।।
प्राणों का पपीहा,
बस शिवजी का नाम पुकारे,
करना सारा जीवन,
बाबा चरणों में अर्पण तुम्हारे,
मुझ पर भी कर दे दया,
सबकी तू माने हैं,
मेरे भोले शिवा,
जग का अंतर्यामी है,
मेरे भोले शिवा,
आया हूँ भोले मै तेरे द्वार।।
खाली झोली लेकर,
भोले मैं तेरे द्वारे पर आया,
बाबा मुझ पर कर दे,
दोनों हाथों से कृपा की छाया,
महिमा तेरी शिव शंभू,
जग ने बखानी है,
मेरे भोले शिवा,
जग का अंतर्यामी है,
मेरे भोले शिवा,
आया हूँ भोले मै तेरे द्वार।।
आया हूँ भोले मैं तेरे द्वार,
मुझको भी कर दे भव से तू पार,
तू तो बड़ा दानी है,
मेरे भोले शिवा,
जग का अंतर्यामी है,
मेरे भोले शिवा,
आया हूँ भोले मै तेरे द्वार।।
स्वर – रामकुमार लख्खा जी।