आप क्या जानो ऐ श्याम सुन्दर,
कैसे तुम बिन जिए जा रहे हैं,
तेरे मिलने की उम्मीद लेकर,
गम के आंसूं पिए जा रहें हैं।।
ये जुदाई सहेंगे श्याम कब तक,
बिन दर्शन रहेंगे श्याम कब तक,
दुनिया से हो गए हैं बेगाने,
तेरा नाम लिए जा रहें हैं,
आप क्या जानो ए श्यामसुन्दर,
कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं।।
श्याम सुन्दर कहाँ खो गए हो,
इतने बेदर्द क्यों हो गए हो,
आप की बेवफाई के सदके,
लोग ताने दिए जा रहे हैं,
आप क्या जानो ए श्यामसुन्दर,
कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं।।
याद आती है आती रहेगी,
याद तेरी सताती रहेगी,
जितना जी चाहे तड़पालों हमको,
तेरी पूजा किये जा रहें हैं,
आप क्या जानो ए श्यामसुन्दर,
कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं।।
किन गुनाहों की है ये सजाएं,
श्याम सुन्दर हमे कुछ बताएं,
टुकड़े टुकड़े किया है दिल मेरा,
प्यार तुमसे किये जा रहें हैं,
आप क्या जानो ए श्यामसुन्दर,
कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं।।
आप क्या जानो ऐ श्याम सुन्दर,
कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं,
तेरे मिलने की उम्मीद लेकर,
गम के आंसूं पिए जा रहें हैं।।
स्वर – श्री विनोद जी अग्रवाल।
Upload – Amit kumar
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