आओ स्वामी जी तुम देने दर्शन,
आकर भक्तों का,
तुम धन्य करो जीवन,
हर लब पे तुम्हारा नाम,
आता है सुबहो शाम,
एक तुम ही हो भिक्षु,
इस मन मंदिर के राम,
देर तुम लगाओ ना,
प्रभु चले आओ ना,
आओं स्वामी जी तुम देने दर्शन,
आकर भक्तों का,
तुम धन्य करो जीवन।।
तर्ज – चाहा है तुझको चाहूँगा।
दर्शन पाने मैं,
बड़ी दूर से आई हूँ,
दिल में श्रद्धा भी,
भरपूर मैं लाई हूँ,
मेरा दुःख हर दो स्वामी,
तुम और ख़ुशी दे दो,
द्वार मैं तुम्हारे,
आस लेके आई,
भक्ति का मैं,
विश्वास लेके आई,
आओं स्वामी जी तुम देने दर्शन,
आकर भक्तों का,
तुम धन्य करो जीवन।।
लगती है तुम्हारी,
ही मन भानी छवि,
तुम ही मेरे चंदा,
और तुम ही हो रवि,
पर तुम बिन कितना है अधूरा,
तेरस का ये दिन,
तुम से ही पुरे होंगे,
सब अरमान,
सुनके पुकार चले,
आओ भगवान,
आओं स्वामी जी तुम देने दर्शन,
आकर भक्तों का,
तुम धन्य करो जीवन।।
भक्ति मैं अपनी,
तुम्हे देने आई हूँ,
दर्शन का सोना,
मैं लेने आई हूँ,
प्यासा है मन ‘संजय’ कितना,
प्यास बुझाओ तुम,
करो तुम दया होगा,
बड़ा उपकार,
दीपा के लाल तुमको,
नमन हज़ार,
आओं स्वामी जी तुम देने दर्शन,
आकर भक्तों का,
तुम धन्य करो जीवन।।
आओ स्वामी जी तुम देने दर्शन,
आकर भक्तों का,
तुम धन्य करो जीवन,
हर लब पे तुम्हारा नाम,
आता है सुबहो शाम,
एक तुम ही हो भिक्षु,
इस मन मंदिर के राम,
देर तुम लगाओ ना,
प्रभु चले आओ ना,
आओं स्वामी जी तुम देने दर्शन,
आकर भक्तों का,
तुम धन्य करो जीवन।।
Singer – Shreya Ranka