आनो तो मात थाने पड़सी,
कद आवोला या बोलो,
दर्शन तो मात देणो पड़सी२,
कद देवोला या बोलो।।
तर्ज – रिमझिम के गीत सावन।
थारी याद में विश्वास में,
दादी बैठ्या हाँ म्हे तो,
थारी आस में,
पलका तो मात इब थे खोलो२,
कद आवोला या बोलो,
कद आवोला या बोलो।।
दिनड़ो बीते रातां बीते,
थारा याद में इक पल बीते,
म्हारो तो और कुंण है बोलो२,
कद आवोला या बोलो,
कद आवोला या बोलो।।
थे हो म्हारा म्हे हां थारा,
थासु रिश्ता पुराणा है म्हारा,
ई रिश्ते ने मात मत ना भूलो२,
कद आवोला या बोलो,
कद आवोला या बोलो।।
मैं अनजाण हां माँ नादान हां,
कईया रीझोगा यो भी नहीं जाणा हाँ,
‘प्रवीण’ तो मात टाबर भोलो२,
कद आवोला या बोलो,
कद आवोला या बोलो।।
आनो तो मात थाने पड़सी,
कद आवोला या बोलो,
दर्शन तो मात देणो पड़सी२,
कद देवोला या बोलो।।
Singer – Saurabh Madhukar