श्याम बिन आँगन सूना संसार,
दर्श को आये तेरे द्वार,
तेरे द्वार तेरे द्वार,
आन मिलो सरकार,
आज की शाम में,
श्याम बिन आँगन।।
तर्ज – एक बरस के मौसम।
ओ बाबा तेरी शान निराली,
तेरी महिमा है बड़ी न्यारी,
श्याम छवि लागे अति प्यारी,
भक्तों का तू है तारणहार मेरे श्याम,
श्याम बिन आँगन सूना संसार।।
नीले घोड़े पर ये जब आये,
हर ग्यारस दरबार लगाए,
तुझ बिन अब हम रह नहीं पाएं,
दर्शन मिल जाएँ एक बार एक बार,
श्याम बिन आँगन सूना संसार।।
श्याम बाबा तेरी जय हो,
खाटू वाले तेरी जय हो,
मुरली वाले तेरी जय हो,
लखदातार तेरी जय हो,
‘कृष्णा’ ये गाये बार बार बार बार,
श्याम बिन आँगन सूना संसार।।
श्याम बिन आँगन सूना संसार,
दर्श को आये तेरे द्वार,
तेरे द्वार तेरे द्वार,
आन मिलो सरकार,
आज की शाम में,
श्याम बिन आँगन।।
Singer / Writer – Krishna Pant