आम की डाली कोयल बोले लिखमीदासजी भजन

आम की डाली कोयल बोले,
बात सुनावे खरी खरी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी।।



ब्रम्ह धाम है अमरपुरा मे,

नर नारी को मेलो है,
लिखमीदासजी रो ध्यान धरो,
हरदम थारे वेलो है,
गाँव गाँव ओर नगर नगर में,
धूम मची है घणी घणी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी।।



धन दौलत सब उम्र कमानो,

दोय घडी शुभ काम करो,
एडो अवसर हाथ नी आवे,
चाहे जतन हजार करो,
तन मन धन सब अर्पण कर दो,
तन मन धन सब अर्पण कर दो,
ब्रह्म धाम मोटो है धणी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी।।



आप बसे वैकुण्ठ धाम में,

भगता पर थे मेहर करो,
ज्ञान ध्यान के तुम हो सागर,
सूखी नदियाँ नीर भरो,
प्यासी बगीया मे रस भर दो,
प्यासी बगीया मे रस भर दो,
हो जावे वह हरि भरी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी।।



ब्रम्हा स्वरूपी महा वैरागी,

लिखमीदासजी तपधारी,
आपके शरणे जो कोई आयो,
पल में बाबो ऊबारी,
दास हिरा पर किरपा करदो,
अनिल सेन पर किरपा करदो,
भजन बनायो कडी कडी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी।।



आम की डाली कोयल बोले,

बात सुनावे खरी खरी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी,
लिखमीदासजी ने भजले प्राणी,
मै समझावु घडी घडी।।

गायक – अनिल सेन जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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