आजा माँ काली,
तेरी भगतणी,
ला बैठी दरबार री,
एक आस सै तेरे पै,
करो भगतों का उद्धार री।।
ज्योत जगाई तेरी भेंट चढ़ाई,
भोग तनै लाणा होगा,
चंडी रूप धार कै नै,
पंडाल बीच आणा होगा,
जतन बताना होगा कोए,
तेरे बैठे भगत अपार री,
एक आस सै तेरे पै,
करो भगतों का उद्धार री।।
चौंकी ला कै बैठ गई मां,
बस तेरा ही ध्यान धरूं,
ऐसी दया मेरे पै कर दे,
दुखियों का कल्याण करूं,
तेरे बिना ना काम करूं,
तेरे पै दरमदार री,
एक आस सै तेरे पै,
करो भगतों का उद्धार री।।
अगुवाई करता बजरंग,
तेरै पाछे भैरव बाबा हो,
हरिदास भी देवै दिखाई,
भोला नजर मनै आता हो,
डमरू फिरै बजाता हो,
लंबी लगे कतार री,
एक आस सै तेरे पै,
करो भगतों का उद्धार री।।
कलकते तै चलकै मां तू,
गांव महराणै आ जाइए,
पूनम भगतिनी तेरी लाडली,
सिर पर हाथ टीका चाहिए,
राजकुमार ने दिखा जाइए,
मईया तेरा प्यार री,
एक आस सै तेरे पै,
करो भगतों का उद्धार री।।
आजा माँ काली,
तेरी भगतणी,
ला बैठी दरबार री,
एक आस सै तेरे पै,
करो भगतों का उद्धार री।।
लेखक / गायक – राजकुमार किनाना जींद।
9728254989