आज हम खेलेंगे,
वृंदावन में होली,
कान्हा के संग खेलेंगे,
हम फूलों वाली होली।।
होली का त्योहार है आया,
रंगों की बौछार है लाया,
रंगों की बौछार है लाया,
पीले लाल गुलाबी रंग के,
पीले लाल गुलाबी रंग के,
फूलों वाली होली,
आज हम खेलेंगें,
वृंदावन में होली।।
फागुन की मस्ती है न्यारी,
झूम रहे है सब नर नारी,
झूम रहे हैं सब नर नारी,
बरखा करते हुरियारे सब,
बरखा करते हुरियारे सब,
भर रंगों की झोली,
आज हम खेलेंगें,
वृंदावन में होली।।
वृंदावन में धूम मची है,
हर मंदिर की गली सजी है,
हर मंदिर की गली सजी है,
उड़ रहा खूब गुलाल पुजारी,
उड़ रहा खूब गुलाल पुजारी,
डालें भर के थाली,
आज हम खेलेंगें,
वृंदावन में होली।।
रंग रंगीला उत्सव प्यारा,
फूलों से महके हर द्वारा,
फूलों से महके हर द्वारा,
माथे तिलक लगा के “श्याम”कहे,
माथे तिलक लगाके श्याम कहे,
सभी मनाओ होली,
आज हम खेलेंगें,
वृंदावन की होली।।
आज हम खेलेंगे,
वृंदावन में होली,
कान्हा के संग खेलेंगे,
हम फूलों वाली होली।।
स्वर एवम लेख – घनश्याम मिढ़ा भिवानी।
संपर्क – 9034121523