आज भरया दरबार में बाबा,
थाने यो ही कहणो है,
सुख दे या तू दुःख दे बाबा,
तेरी शरण में ही रहणो है,
आज भरया दरबार मे बाबा,
थाने यो ही कहणो है।।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
घणे मान स्यु सबकुछ पायो,
बाबा थारे द्वारे से,
म्हाने दिखाई जीवन ज्योति,
काढ़ लियो अंधियारे से,
के देवेगो के लेवेगो,
सोच के ईब के करणों है,
आज भरया दरबार मे बाबा,
थाने यो ही कहणो है।।
मैं तो बस इतनो ही जाणु,
थारे भरोसे गाडरली,
पीछे मुड़के जद जद देखूं,
भर भर आवे आँखड़ली,
म्हारे सर पे हाथ राखजो,
दुनिया से के लेनो है,
आज भरया दरबार मे बाबा,
थाने यो ही कहणो है।।
जो सुख में तू नज़र ना आवे,
वि सुख को के करनो है,
जी दुःख में तू सागे सागे,
हंसकर दुखडो सहनो है,
‘श्याम’ कहे बस भजन भाव में,
बाबा थारे बहणो है,
Bhajan Diary Lyrics,
आज भरया दरबार मे बाबा,
थाने यो ही कहणो है।।
आज भरया दरबार में बाबा,
थाने यो ही कहणो है,
सुख दे या तू दुःख दे बाबा,
तेरी शरण में ही रहणो है,
आज भरया दरबार मे बाबा,
थाने यो ही कहणो है।।
Singer – Sourav Sharma Jaipur