आइये आइये हो गुरूजी महाराज,
सभा में तने याद करै।।
सभा बीच में तने बुलावे,
बालक तेरे प्यारे,
गलती की मने माफ़ी दे दो,
बहुत घने दुख पारे,
म्हारी नैया सै मजधार,
सभा में तने याद करै।।
मेरे घर मे घोर अंधेरा,
ज्ञान का दीप जगादे हो,
गुरु ज्ञान का प्याला लेरै,
हमने भी प्यादे हो,
म्हारा रखियो सभा में मान,
सभा में तने याद करै।।
गुरू ज्ञान बिन दुनिया में,
रह जाता मानस अनाड़ी हो,
आज़ाद सिंह खाडे आले,
मने ले लई शरण तुमारी हो,
के ‘पवन’ भगत प्रणाम,
सभा में तने याद करै।।
आइये आइये हो गुरूजी महाराज,
सभा में तने याद करै।।
गायक / लेखक – पवन धर्मखेड़ी।
(8814810192)