आ जाओ ताप्ती माँ,
भक्तों ने पुकारा है,
एक तेरे सिवा जग में,
कोई ना हमारा है,
आ जाओ ताप्ती मां,
भक्तों ने पुकारा।।
तर्ज – होंठों से छू लो।
ममता की है मूरत तू,
तू आके दया कर दें,
खुशियों से ये जीवन,
माँ ताप्ती मेरा भर दे,
एक तेरे इशारें से,
दुनिया का इशारा है,
आ जाओ ताप्ती मां,
भक्तों ने पुकारा।।
तू दुर्गति नाशिनी है,
तू भाग्य विधाता है,
कहते हैं इसी कारण,
तू जग की माता है,
तू भक्त की प्यारी है,
तुझे भक्त ये प्यारा है,
आ जाओ ताप्ती मां,
भक्तों ने पुकारा।।
यह अर्ज करूं तुझसे,
ना देर करो मैया,
एक तुम ही खिवैया हो,
मझधार में है नैया,
‘पवन’ की मदद कर दो,
बड़ी दूर किनारा है,
आ जाओ ताप्ती मां,
भक्तों ने पुकारा।।
आ जाओ ताप्ती माँ,
भक्तों ने पुकारा है,
एक तेरे सिवा जग में,
कोई ना हमारा है,
आ जाओ ताप्ती मां,
भक्तों ने पुकारा।।
गायक / प्रेषक – पवन कुमार साहू।
मुलताई – 96 17 17 13 15